Aarti Shri Bhairav ji ki ( श्री भैरव जी की आरती )
Shri Bhairav or Bhairavar is an incarnation (avatar) of Lord Shiva. Shri Bhairav is widely worshipped by tantriks and yogis to gain various siddhis. Shri Bhairav is granter of Siddhis, Luck, Prosperity, Peace and Sons . Shri Bhairav worship is very useful to defeat your enemies, and to get success and all materialistic comforts. It is very easy to please Shri Bhairav by doing normal worship daily. Sri Bhairav guard the Shiva temple, due to which he is called "Kotwal" also.
श्री भैरव जी की आरती
जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा ।
जय काली और गौरा देवी कृत सेवा ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक ।
भक्तों के सुख कारक भीषण वपु धारक ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी ।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
तुम बिन सेवा देवा सफल नहीं होवे ।
चौमुख दीपक दर्शन सबका दुःख खोवे ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
तेल चटकि दधि मिश्रित भाषावलि तेरी ।
कृपा करिये भैरव करिये नहीं देरी ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
पाव घूंघरु बाजत अरु डमरु डमकावत ।
बटुकनाथ बन बालकजन मन हरषावत ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
बटुकनाथ की आरती जो कोई नर गावे ।
कहे धरणीधर नर मनवांछित फल पावे ॥ जय भैरव देवा प्रभु जय भैरव देवा॥
॥ इति भैरव आरती सम्पूर्णम ॥