Shri Rudrastakam in Sanskrit ( श्री रुद्राष्टकम )
The Rudrashtakam is an ashtakam or octet (a prayer with eight rhyming verses) dedicated to the manifestation of Bhagwan Shiva. This eightfold hymn of praise was sung to please Shiv Shankara. Lord Shiva will be pleased with whomever heartfully recites it or listens it.
श्री रुद्राष्टकम
नमामि शमीशान निर्वाण रूपं विभु व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं ।।
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं ।।
करालं महाकाल कालं कृपालं । गुणागार संसारपारं नतोऽहं ।।
तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरं मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं ।।
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारू गंगा लसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा ।।
चलत्कुंडलं भ्रू सुनेत्र विशाल प्रसन्नानं नीलकंठ दयाल ।।
मृगाधीशमर्चाम्बरं मुण्डमालं प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि ।।
प्रचंड प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं अखंड अज भानुकोटि प्रकाशं ।।
त्रयः शूल निर्मूलनं शूलपाणि । भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यं ।।
कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी सदा सज्जनानन्दाता पुरारी।।
चिदानंद संदोह मोहापहारी प्रसीद प्रसीद प्रभां मन्मथारी।।
न यावद् उमानाथ पादारविन्दं भजतीह लोके परे वा नराणां ।।
न तावत्सुख शांन्ति संतापनाशं प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं । ।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहंसदा सर्वदा शंभु तुभ्यं ।
जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तंविप्रेण हरतोषये।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषा शम्भुः प्रसीदति ।।