Aarti Shri Narasimha Bhagwan Ki ( आरती श्री नरसिंह भगवान की )
Shri Narasimha also known as Narsingh, is the fourth incarnation of God Vishnu. Lord Narasimha ("man-lion") is described as an incarnation (avatara) of Vishnu within the Pouranic texts of Hinduism who takes the form of half-man / half-lion, having a human torso and lower body, but with a lion-like face and claws. He is worshipped in deity form by a significant number of Vaishnava groups throughout India (especially in the South) and is primarily known as the 'Great Protector', being a form of Vishnu who specifically defends and protects his devotees in times of need. Shri Narasimha pujan is done for protection from enemies and for blessings of Shri Narasimha.
॥ आरती श्री नरसिंह भगवान की ॥
ॐ जय नरसिंह हरे, प्रभु जय नरसिंह हरे।
स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, स्तम्भ फाड़ प्रभु प्रकटे, जन का ताप हरे॥ १ ॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
तुम हो दीन दयाला, भक्तन हितकारी, प्रभु भक्तन हितकारी।
अद्भुत रूप बनाकर, अद्भुत रूप बनाकर, प्रकटे भय हारी॥ २ ॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
सबके ह्रदय विदारण, दुस्यु जियो मारी, प्रभु दुस्यु जियो मारी।
दास जान अपनायो, दास जान अपनायो, जन पर कृपा करी॥ ३ ॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
ब्रह्मा करत आरती, माला पहिनावे, प्रभु माला पहिनावे।
शिवजी जय जय कहकर, पुष्पन बरसावे॥ ४ ॥
ॐ जय नरसिंह हरे॥
॥ इति आरती श्री नरसिंह भगवान सम्पूर्णम ॥