Meaning of ' Adesh ' in Natha tradition Hindi article

Meaning of ' Adesh ' in Natha tradition Hindi article.

नाथ पंथ मे "आदेश" का अर्थ :-

नाथ योगी अलख (अलक्ष) शब्द से अपने इष्ट देव का ध्यान करते है। परस्पर आदेश शब्द से अभिवादन करते हैं।

अलख और आदेश शब्द का अर्थ प्रणव या परम पुरुष होता है जिसका वर्णन वेद और उपनिषद आदि में किया गया है।

Meaning of aadesh in nath tradition

आत्मेति परमात्मेति जीवात्मेति विचारणे।
त्रयाणामैकयसंभूतिरादेश इति किर्तितः।।
आदेश इति सद्‌वाणिं सर्वद्वंद्व्‌क्षयापहाम्‌।
यो योगिनं प्रतिवदेत्‌ सयात्यात्मानमैश्वरम्‌।।

- सिद्ध सिद्धांतपद्धति
"आ" आत्मा
"दे" देवात्मा/परमात्मा
"श" शरीरात्मा/जीवात्मा

आत्मा, परमात्मा और जीवात्मा की अभेदता ही सत्य है, इस सत्य का अनुभव या दर्शन ही “आदेश कहलाता है. व्यावहारिक चेतना की आध्यात्मिकता प्रबुद्धता जीवात्मा और आत्मा तथा परमात्मा की अभिन्नता के साक्षात्कार मे निहितहै. इन तथ्यों का ध्यान रखते हुए जब योगी एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं अथवा गुरुपद मे प्रणत होते हैं तो “आदेश-आदेश” का उच्चारण का जीवात्मा, विश्वात्मा और परमात्मा के तादात्म्य का स्मरण करते हैं.

एक और रूप में "आदेश" का अर्थ = आदि+ ईश, आदि से आशय है महान या प्रथम, और ईश से आशय देवता से है, अर्थात प्रथम देव या "महादेव"....और आदिनाथ भगवान शिव द्वारा प्रवर्तित होने के कारण "नाथ सम्प्रदाय" के योगियो तथा अनुयायिओ द्वारा "आदेश" का संबोधन किया जाता है।

सब का जीवन मंगलमय हो !!